साथियो,
इस दीपावली के ही दिन 24 अक्टूबर, 2022 को' केदार नाथ पांडेय जी के निधन की दुखद सूचना मिली। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष और विधान परिषद, बिहार के माननीय सदस्य केदार बाबू का जीवन महज एक शिक्षक और शिक्षक संघ की जीवंत नेतृत्वकारी भूमिका को ही नहीं रेखांकित करता है, वरन समाज की प्रगति, लोकतंत्र के जमीनी अमल और शिक्षा के बीच के अभिन्न एवं जरूरी रिश्ते की पड़ताल करता है। तमाम कोशिशों और विभिन्न मंचों से सवाल उठाने और आवाज बुलंद करने के बावजूद शैक्षिक परिस्थितियों में लगातार गिरावट को लेकर परेशान रहने के बावजूद उन्होंने खुद को संयत रखा और शिक्षा में सकारात्मक बदलाव के प्रति अटूट वैचारिक प्रतिबद्धता जाहिर करते रहे। संघर्ष और बदलाव के प्रति उन्होंने आशाओं उम्मीदों की दीप को हमेशा जलाए रखा। राइट टू एजुकेशन फोरम के शुरुआती दिनों से ही फोरम के साथ उनका गहन जुड़ाव रहा। बिहार एवं राष्ट्रीय स्तर पर फोरम के कार्यक्रमों में निरंतर शिरकत करने के साथ- साथ समावेशी शिक्षा, कॉमन स्कूल सिस्टम और शिक्षा नीति के संदर्भ में वे और शत्रुघ्न बाबू हमेशा सार्थक और औपचारिक अनौपचारिक चर्चाओं में अगुआ नेता के रूप में शामिल रहे। उनके नेतृत्व में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ एवं राइट टू एजुकेशन फोरम ने कई साझा कार्यक्रम किए। इस समय बिहार में शिक्षा की स्थिति के आकलन बदलाव के लिए बिहार में कलम सत्याग्रह का अभियान चल रहा है जिसमें फोरम की बिहार इकाई और बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ मजबूती से शामिल है। विगत कुछ समय से अस्वस्थ होने के बावजूद वे इस अभियान के तहत 18 सितंबर को छपरा में आयोजित जनसभा में प्राच्य प्रभा के मुख्य संपादक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ एवं फोरम के वरिष्ठ साथी विजय जी और फोरम के प्रांतीय संयोजक डॉक्टर अनिल राय के अनुरोध पर शामिल हुए और पूरे समय तक कार्यक्रम में रहे। शायद यही सभा उनकी अंतिम जनसभा थी।
आज बिहार विधान परिषद के नवनिर्मित आवासीय परिसर में बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ द्वारा स्मृति सभा के आयोजन में
फोरम की तरफ से हम उनके प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करते हैं और उनके कार्यों को आगे बढ़ाने के प्रति अपनी एकजुटता जाहिर करते हैं।
मित्ररंजन, राइट टू एजुकेशन फोरम
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